Bhagavad-gita-hindi pdf

Bhagavad-gita-hindi pdf-वह मन (जो स्थिर है) इंद्रियों को वश में करने में सर्वथा सक्षम होता है। सामान्य बोलचाल में केवल ‘गीता’ कहने से श्रीकृष्ण द्वारा अपने सखा अर्जुन को दिए गए उपदेश – यानी श्रीमद्भगवद्गीता – ही अभिप्रेत होती है।

आजकल बाजारों में ‘गीता-समन्वय’ या ‘गीता-सार’ जैसे नामों से अनेक पुस्तकें उपलब्ध हैं, परंतु वास्तविक गीता वही पवित्र ग्रंथ है जिसमें 18 अध्यायों में विभक्त 700 श्लोक समाविष्ट हैं। यह महाभारत के भीष्मपर्व के 25वें से 42वें अध्याय तक में संकलित है।

श्रीमद्भगवद्गीता – हिंदी

श्रीमद्भगवद्गीता

भगवान श्रीकृष्ण का दिव्य उपदेश
अध्याय 1 – अर्जुनविषादयोग
श्लोक 1
धृतराष्ट्र उवाच
धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः ।
मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत सञ्जय ॥१-१॥
धृतराष्ट्र ने पूछा: हे संजय! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में एकत्रित और युद्ध की इच्छा से उत्सुक मेरे और पाण्डु के पुत्रों ने क्या किया?
धृतराष्ट्र अपने पुत्रों और पाण्डु के पुत्रों के बीच होने वाले युद्ध के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं। वे संजय से पूछते हैं कि दोनों पक्षों ने क्या किया।
श्लोक 2
सञ्जय उवाच
दृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा ।
आचार्यमुपसंगम्य राजा वचनमब्रवीत् ॥१-२॥
संजय ने कहा: तब राजा दुर्योधन ने पाण्डवों की सेना को व्यूह रचना में देखकर, अपने गुरु द्रोणाचार्य के पास जाकर ये वचन कहे।
संजय बताते हैं कि दुर्योधन ने पाण्डवों की सेना को युद्ध के लिए तैयार देखा और वह अपने गुरु द्रोणाचार्य के पास गया।
© 2023 श्रीमद्भगवद्गीता – सभी अधिकार सुरक्षित
यह डिजिटल संस्करण श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क उपलब्ध है

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श्रीमद्भगवद्गीता – सम्पूर्ण ज्ञान, महत्व और विशेषताएँ

भगवद्गीता क्या है :What is Bhagavad Gita in Hindi:

Bhagavad-gita-hindi pdf श्रीमद्भगवद्गीता हिंदू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है, जो महाभारत के भीष्म पर्व में शामिल है। यह 18 अध्यायों और 700 श्लोकों से युक्त है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन, धर्म, कर्म और मोक्ष का उपदेश दिया। गीता को “जीवन का गाइडबुक” माना जाता है, जो मनुष्य को सही मार्ग दिखाती है।

भगवद्गीता के बारे में :All About Bhagavad Gita

1. भगवद्गीता का इतिहास -History of Bhagavad Gita:

गीता का उल्लेख महाभारत युद्ध के समय हुआ था, जब अर्जुन ने युद्ध भूमि में अपने ही परिजनों के विरुद्ध लड़ने से मना कर दिया। तब श्रीकृष्ण ने उन्हें कर्मयोग, ज्ञानयोग और भक्तियोग का उपदेश दिया।

2. भगवद्गीता का महत्व :Importance of Bhagavad Gita

  • आध्यात्मिक मार्गदर्शन – मनुष्य को जीवन के संघर्षों से उबारती है।
  • कर्म का सिद्धांत – बिना फल की इच्छा के कर्म करने की शिक्षा देती है।
  • मोक्ष का मार्ग – आत्मज्ञान और भक्ति से मुक्ति प्राप्त करने का उपाय बताती है।
  • भगवद्गीता के 18 अध्याय (18 Chapters of Bhagavad Gita)
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अध्याय

नाममुख्य विषय
1अर्जुनविषादयोगअर्जुन का युद्ध से विमुख होना
2सांख्ययोगआत्मज्ञान और कर्मयोग
3कर्मयोगनिष्काम कर्म की महिमा
4ज्ञानकर्मसंन्यासयोगज्ञान और कर्म का समन्वय
5कर्मसंन्यासयोगकर्म त्याग बनाम निष्काम कर्म
6ध्यानयोगमन की एकाग्रता और ध्यान
7ज्ञानविज्ञानयोगभगवान के स्वरूप का ज्ञान
8अक्षरब्रह्मयोगपरमात्मा की प्राप्ति
9राजविद्याराजगुह्ययोगभक्ति का महत्व
10विभूतियोगईश्वर की विभिन्न शक्तियाँ
11विश्वरूपदर्शनयोगश्रीकृष्ण का विराट रूप
12भक्तियोगभक्ति के मार्ग की व्याख्या
13क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोगशरीर और आत्मा का अंतर
14गुणत्रयविभागयोगसत्त्व, रजस और तमस गुण
15पुरुषोत्तमयोगपरमात्मा की सर्वोच्च स्थिति
16दैवासुरसंपद्विभागयोगदैवी और आसुरी प्रवृत्तियाँ
17श्रद्धात्रयविभागयोगश्रद्धा के प्रकार
18मोक्षसंन्यासयोगमुक्ति का अंतिम मार्ग

भगवद्गीता की प्रमुख शिक्षाएँ (Key Teachings of Bhagavad Gita)

  1. कर्मयोग – बिना फल की चिंता किए कर्म करो।
  2. धैर्य और संयम – मन को नियंत्रित करना सफलता की कुंजी है।
  3. सच्ची भक्ति – ईश्वर में समर्पण ही मुक्ति दिलाता है।
  4. निडरता – मृत्यु केवल शरीर की होती है, आत्मा अमर है।
  5. समभाव – सुख-दुःख, जय-पराजय में समान रहना।

भगवद्गीता के लाभ (Benefits of Reading Bhagavad Gita)

✅ मानसिक शांति – चिंता और तनाव से मुक्ति
✅ नैतिक मार्गदर्शन – सही और गलत का निर्णय करने में सहायक।
✅ आत्मविश्वास – जीवन के संकटों से लड़ने की शक्ति।
✅ आध्यात्मिक विकास – मोक्ष और आत्मज्ञान की प्राप्ति।

निष्कर्ष (Conclusion)

श्रीमद्भगवद्गीता न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाती है। इसका अध्ययन करने से मनुष्य को शांति, साहस और ज्ञान प्राप्त होता है। यह हर उम्र और युग के लिए प्रासंगिक है।

गीता पढ़ें, जीवन बदलें!

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